MOHAN Foundation

Toll Free : 18001037100

ऐश्वर्या

ऐश्वर्या

पहली चीज जो मैंने उसके बारे में देखी, वह थी उसके पैर की उंगलियों पर चमकीली नीली नेल पॉलिश, लंबी चोटी … और फिर आई.सी.यू की मशीनों से जुड़ी हुई, एक जीवंत 13 वर्षीय लड़की ऐश्वर्या, जो अपनी अंतिम साँसे गिन रही थीं। बिना किसी चेतावनी के उसके मस्तिष्क में रक्त बहने से वह मस्तिष्क – मृत हो गई। उसका परिवार स्तब्ध था कि अचानक यह क्या हो गया कि एक खिलखिलाती लड़की देखते-देखते कुछ समय में ऐसे मस्तिष्क – मृत हो गई।

ऐश्वर्या की मां रमा ने हमें गर्व के साथ बताया कि ऐश्वर्या स्कूल में होने वाली हर गतिविधि में भाग लेती थी। उन्होनें अपने निराशा भरे स्वर में.. टूटे हुये शब्दों में बताया कि वह हर दिन की तरह ही सोमवार की सुबह स्कूल गई थी और फिर  वापस ही नहीं आई..अब वह चार दिन बाद वापस लौटी है तो इस तरह। अब तो बस उसकी यादें ही शेष रही गई..। पिता प्रभाकर ने आंखों में आंसू भर कर कहा कि ‘उन्होंने अपने परिवार की एकमात्र बालिका को अचानक ही खो दिया’ । चाचा ने उस को याद करते हुये बताया कि ऐश्वर्या हमेशा मुस्कुराती रहती थी और उसे अपने चचेरे भाई-बहनों से मिलना और उनके साथ खेलना पसंद था। उसके दोस्तों ने कहा कि उसने उस सुबह उन्हें बताया था कि उसे दिवाली के लिए वह सब मिल गया जिसकी उसे जरूरत थी और वह बहुत खुश थी।

जब हम अंग दान के बारे में बात करने के लिये परिवार से मिले, तो हमने अंग दान के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता देखी। उसके मामा ने कहा, “हम ऐसा ऐश्वर्या के लिए कर रहे हैं … उसके जीवन को सार्थक बनाने के लिए।” अंग-दान की प्रक्रियाओं को पूरा करने मे 24 घंटे से भी अधिक का लंबा समय लग गया, तब तक पूरा परिवार धैर्यपूर्वक इंतजार करता रहा। परिवार ने, शुक्रवार 21 अक्टूबर, 2016 को ऐश्वर्या का दिल, दो किडनी, लीवर (जो दो बच्चों को दिया गया) और कॉर्निया (जिससे दो लोगों को फिर से रोशनी मिली) को दान कर दिया। ऐश्वर्या ने सात लोगों की अंधेरी ज़िंदगी को रोशनी से भर दिया।

हम ऐश्वर्या को श्रद्धांजलि देने के लिए अंतिम संस्कार के दिन उसके घर गये। हमने एक माला चढ़ाई और एक विशेष मोमबत्ती जलाई जिस पर अंकित था  ‘रोशनी… बांटियें’। मैंने रमा को अपनी बेटी के चेहरे पर टकटकी लगाकर देखते हुये देखा। किसी ने मुझे बताया कि रमा एक संस्कृत पंडित हैं और अचानक मुझे बचपन की एक भूली बिसरी प्रार्थना याद आई। मैंने रमा के काँपते हाथो को अपने हाथों में ले लिया और धीरे से श्लोक का पाठ करने लगी:

असतो मा सद्गमय।
तमसो मा ज्योतिर्गमय।
मृत्योर्मामृतं गमय ॥

ॐ शान्ति शान्ति शान्तिः ॥

हे प्रभु! मुझे असत्य से सत्य की ओर ।
मुझे अन्धकार से प्रकाश की ओर ।
और मुझे मृत्यु से अमरता की ओर ले चलो॥

ॐ शान्ति शान्ति शान्तिः ॥

रमा ने आँसू से भरी आँखों से मेरी ओर देख कर कहा, “ऐश्वर्या भी प्रतिदिन पाठशाला में …” आगे की बात बिना कहे ही वे बहुत कुछ कह गई थी। ऐश्वर्या ने मृत्यु में भी अमरता प्राप्त की। हमारी भगवान से यही प्रार्थना हैं कि उसका परिवार शांति प्राप्त करे।

Bot Logo
MOHAN Foundation's JivanBot
How can I help you? Chat