MOHAN Foundation

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गतिविधीयाँ

मोहन फाउंडेशन की गतिविधीयाँ

मोहन फाउंडेशन की चार मूलभूत शाखायें या विभाग हैं, जो अंग दान के इस अभियान की विभिन्न गतिविधियों को कार्यान्वित करते हैं। ये शाखायें हैं:

  1. अंग दान के लिए सार्वजनिक शिक्षा
  2. भारतीय प्रत्यारोपण न्यूज़लैटर (ITN)
  3. रोगी सहायता समूह (PSG)
  4. इंडियन नेटवर्क फॉर ऑर्गन शेयरिंग (INOS)

 

1. अंग दान के लिए सार्वजनिक शिक्षा –

मोहन फाउंडेशन की गतिविधीयो में सबसे मुख्य हैं, विभिन्न भाषाओं में अंग दाता पत्र का वितरण। अंग्रेजी में डोनर कार्ड 12 जनवरी 1997 को लॉन्च किया गया था। डोनर कार्ड लोगों को अपने अंगों को दान करने की इच्छा व्यक्त करने में सक्षम बनाता है। ये डोनर कार्ड “एक अनमोल उपहार” नामक एक विवरणिका के साथ वितरित किए जाते हैं, जो अंग दान की अवधारणा को समझाता है। अंग्रेजी, तमिल, तेलुगु, मराठी और हिंदी में अब तक 2.5 मिलियन से अधिक डोनर कार्ड वितरित किए गए हैं।

अंग दान के इस अभियान का श्रीमती नीता अंबानी-रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, न्यायाधीश कृष्णा रेड्डी, अभिनेता / सामाजिक कार्यकर्ता रेवती, आर. माधवन, नासीर, रवीना टंड़न, रितेश देशमुख और हाल ही में श्री अमिताभ बच्चनजी नें भी समर्थन किया। दिवगंत मुख्यमंत्री श्रीमति शिला दीक्षितजी, अनुप जलोटा रूप राठौर, क्रिकेटर क्रिश श्रीकांत, अनिल कुंबले, कपिलदेव, राहुल द्रविड़ और वी.वी.एस लक्ष्मण जैसे प्रसिद्ध लोगों ने भी अपना समर्थन दिया।

फाउंडेशन क्लबों, सेमिनार, सार्वजनिक समारोहो में जा कर लोगों को जानकारी देते हैे। स्कुलों और कॉलेजो में भी प्रेजेंटेशन दे कर अंग-दान का बीज बच्चों और नवयुवकों में बोते हैं। चित्र कला, रंगोली, कवितायें, नारों आदि की अनेक प्रतियोगितायें आयोजित करते हैं। नवयुवकों के लिये छोटी नाटिकाय़ें, माईम, छोटी फिल्म बनाने की प्रतियोगिता, मैराथॉन आदि आयोजित की जाती हैं। पुलिस कर्मियों को भी अंग-दान की जानकारी दे कर उन्हें उनके दायित्व को बताते हैं, जिससे अंग-दान के समय वे अंग-दान की गतिविधीयो को शीध्रता प्रदान कर सकें।

2. इंडियन ट्रांसप्लांट न्यूज़लेटर (ITN)

इंडियन ट्रांसप्लांट न्यूज़लैटर यह एक त्रैमासिक पत्रिका हैं जो अक्टूबर, 1998 से प्रकाशित हो रही है। इसमें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रत्यारोपण के सभी नये-पुराने समाचारों का समावेश है और यह भारत के मृत्यु उपरांत प्रत्यारोपण कार्यक्रम पर नज़र रखता है। इसकी कार्यकारी समिति में देश और विदेश के प्रत्यारोपण क्षेत्र केडॉक्टर हैं। न्यूज़लेटर की लगभग 1500 से 2000 प्रतियां भारत और विदेशों में चिकित्सकों और जनता के सदस्यों को भेजी जाती हैं। इसका प्रमुख उद्देश्य निम्न हैं-

  • मेडिकल सहयोगीयों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय जगत में होने वाले नये अन्वंशो और समाचारों से विदित करना।
  • भारत के मृत्यु उपरांत प्रत्यारोपण आंकड़ो को इकठ्ठा करके सरल तरीके से प्रस्तुत करना।
  • डॉक्टरों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुतिकरण करने के लिये सही अंक-विवरन प्रदान करना ।
  • कानून और समाज में मृत्यु उपरांत प्रत्यारोपण के लिये वकालत करना।

 

3. रोगी सहायता संस्था (PSG पेशेंट सपोर्ट ग्रुप)-

मोहन फाउंडेशन ने अंग-विफल रोगियों और उनके परिवारों को एक दूसरे के साथ उनकी समस्याओं पर चर्चा करने के लिए एक मंच देने के लिए एक रोगी सहायता समूह (PSG) शुरू किया। जिसका मुख्य उद्देश्य निम्न थे-

  • डॉक्टरों को अस्पताल में समय की कमी होने से मरीजों के सारे प्रश्नों के जवाब नहीं दे सकते।
  • एक साथ मेंअनेक विशेषज्ञों, आहार विशेषज्ञ और अन्य ट्रांसप्लांट से जुड़े हुये डॉक्टरों का समूह परामर्श देने के लिये बिना किसी शुल्क के उपलब्ध होते हैं।
  • मरीज आपस में बात करके कई समस्याओं का हल आपस में ही ढूंढ़ सकते हैं।
  • मरीजों का मनोबल बढ़ता हैं कि उनके जैसे या उनसे भी खराब हालत में लोग हैं।
  • यदि कोई कानून बनवाना हो तो एक जुट हो कर अपनी आवाज सुनाना जरूरी हैं।

रोगी सहायता संस्था (PSG) के चेन्नई और मुंबई (18 अप्रेल, 1999) दोनों में लगभग 300 सदस्य हैं। इस संस्था के जरिये जरूरतमंद मरीजों को कम दर में ट्रांसप्लांट संबंधी दवाएं उपलब्ध करवाई जाती हैं।

प्रत्यारोपण प्राप्तकर्ताओं, अंग विफलता के रोगियों और देखभाल-कर्ताओं के लिए एक रोगी सहायता संस्था (PSG पेशेंट सपोर्ट ग्रुप) का गठन किया गया हैं। जिसका नाम TRIOMPH  हैं जो भारत के अंग विफलता रोगियों और प्रत्यारोपण प्राप्तकर्ताओं को आशा प्रदान करने के लिए एक आंदोलन हैं। इस के बारे में अधिक जानकारी के लिये इस पर क्लिक करें-

www.triomph.org.in 
संपर्क करने के लिये क्लिक करें-[email protected]  या फोन करें:8291711936
 

4. तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में आइनॉस (INOS- इंड़ियन नेटवर्क ऑफ ऑर्गन शेयरिंग) –

आइनॉस का गठन तमिलनाडु में पहली बार नवंबर 1999 में अपोलो हॉस्पिटल्स, श्री रामचंद्र हॉस्पिटल, सुंदरम मेडिकल फाउंडेशन, (सभी चेन्नई से) और क्रिश्चियन कॉलेज वेल्लोर के साथ किया गया था। आंध्र प्रदेश में, हमारे काम से जिन अस्पतालों को फायदा हुआ है, वे हैं निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, ग्लोबल हॉस्पिटल्स, केयर हॉस्पिटल्स, मेडविन हॉस्पिटल्स, मेडिसिटी हॉस्पिटल्स, कामिनेनी हॉस्पिटल्स, उस्मानिया हॉस्पिटल्स, कृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, स्टार हॉस्पिटल्स और इनोवा हॉस्पिटल्स।

प्रत्यारोपण रजिस्ट्रियां

हमारे लक्ष्य का एक उद्देश्य यह भी था कि ‘अस्पतालों में अंग विफल मरीजों की कम्प्यूटर पर अनुसूचिका बनाना। जिस से अंग दान और अंगों के उपयोग के लिए डॉक्टरों को मरीजों की पूरी सही जानकारी मिल सकें और अंग प्रत्यारोपण शीध्र सुरक्षित सुनिश्चित किया जा सकें।’ इसको पूरा करने के लिये हमने मरीजों की एक कम्प्यूटर पर अनुसूचिका बनाई । जिसका उपयोग अस्पतालों में मरीजों की पूरी जानकारी रखने के लिये किया जाता हैं। इसका सफल उपयोग इन राज्यों में किया गया हैं।

  • तमिलनाडु नेटवर्क फॉर ऑर्गन शेयरिंग
  • केरल नेटवर्क फॉर ऑर्गन शेयरिंग
  • राजस्थान नेटवर्क फॉर ऑर्गन शेयरिंग
मोहन फाउंडेशन के साथ जीवन चुनिये…अंग दान, जीवन दान देने का काम ..
हजारों को जीवन दान देने के लिये यह जिंदगी
केवल और केवल आप ही चुन सकते हैं…फैसला आपका..जीवन या खाक !!!