देह-दान (शरीर दान)
देह–दान क्या हैं?
देह दान के विषय में अनेक भ्रांतियाँ फैली हुई हैं। इसकी सही जानकारी होना जरूरी हैं। जब कोई व्यक्ति मेड़िकल अध्ययन के लिए अपना शरीर दान देता हैं तो उसे देह-दान कहा जाता हैं। मेडिकल कॉलेज में विद्यार्थीयों के लिये शरीर का ज्ञान आवश्यक होता हैं। विद्यार्थीयों को अभ्यास में इन शरीरों से मदद मिलती हैं और वे भविष्य में मानव शरीर संरचना को सही रूप में समझ कर मरीजों पर कठीन सर्जरी और रोग का निदान कर सकते हैं।
देह–दान कैसे किया जाता हैं?
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- मृत्यु से पहले, नजदीकी मेडिकल कॉलेज से संपर्क करके, देह-दान का फॉर्म भरें और इसे अस्पताल के शरीर रचना विभाग (Anatomy Dept.) के प्रमुख के पास जमा करें।
- घर पर या अस्पताल में मृत्यु होने के बाद, परिवार वाले दान दाता की इच्छानुसार प्रार्थना कर के देह अस्पताल के शरीर रचना विभाग को सौंप देवें।
- घर पर मृत्यु होने के आधे घंटे के भीतर अस्पताल को सूचित करें ताकी उन्हें सारी व्यवस्था करने का समय मिल सके।
- हमारा देश गर्म हैं, इसलिये मृतक को ठंड़ी मशीन वाले ताबूत (फ्रीजर में आठ घंटे तक रख सकते हैं) रखें।
- टी.बी., कैंसर, एच.आई. वी, कोविड और चिकित्सकीय कानूनी मामले (मेडिको लीगल केस-ख़ुदकुशी, हत्या आदि ) या किसी संक्रामक रोग से पीड़ित मरीजों का देह दान नहीं हो सकता।
देह-दान के विषय में भ्रांतियाँ:
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- भ्रांति: अंगों को मृत व्यक्ति से निकाल कर प्रत्यारोपण के लिए वितरित किया जाएगा:
सच: नहीं यह सच नहीं हैं। केवल ब्रेन डैड मरीज का ही अंग प्रत्यारोपण हो सकता हैं।
2. भ्रांति: बहु-अंग दान के बाद देह-दान किया जा सकता हैं।
सच: जब बहु-अंग दान के बाद देह-दान नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह अध्ययन के लिए उपयोगी नहीं होता है।
3. भ्रांति: निजी मेडिकल कॉलेज स्वैच्छिक देह दान ले सकते हैं।
सच: निजी मेडिकल कॉलेज केवल एनाटॉमी अधिनियम के अनुसार लावारिस शव ले सकते हैं। ऐसे बहुत कम कॉलेज हैं जिन्हें स्वैच्छिक दान की अनुमति मिली हुई है।
आज हर मेडिकल कॉलेज के अपने देह-दान फॉर्म हैं और कई कॉलेजों में तो 20 पन्नो के देह-दान फॉर्म हैं, जो दान दाता को फॉर्म भरने से विमुख कर देते हैं। देह-दान का यह अभियान तभी सफल हो सकेगा, जब पूरी प्रक्रिया सरल हो और एनाटॉमी अधिनियम के अनुसार भारत के सारे मेडिकल कॉलेज के फॉर्म एक समान, छोटे और सटीक हो।
भारत में दधीचि देह दान समिति नामक एक संस्था हैं, वह इस दिशा में ही काम करती हैं। देह दान की पूरी प्रक्रिया को समझने के लिये निम्न हैल्प लाइन से संपर्क करें-
9810127735/+919811106331/09582883432/09818345704
स्वैच्छिक शारीरिक दान स्वीकार करने वाले अस्पतालों को नाम देखने के लिए यहां क्लिक करें-
https://www.mohanfoundation.org/body-donation-hospitals.asp
अस्वीकरण - मोहन फाउंडेशन स्वैच्छिक देह-दान को स्वीकार नहीं करता है। हमारे परामर्शदाता देह-दान के लिए परिवार का मार्गदर्शन कर सकते हैं।