कानून
मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 (Transplantation of Human Organ Act 1994)
जब किसी व्यक्ति की ह्रदय गति रूक जाती हैं तो उस व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया जाता है। लेकिन 1959 में दो फ्रैंच चिकित्सकों ने सबसे पहले ब्रेन डेथ के सिद्धान्त को परिभाषित किया। उन्होने पाया कि कई मरीज जो कि वेंटीलेंटर पर थे तथा उन्हें कोमा मान लिया गया था। लेकिन शरीर के अव्यव ठीक होने के बाद भी उनकी चेतना कभी नहीं लौटी और वेंटीलेटर हटाने पर उन मरीजो की साँस भी बंद हो गई। तब मस्तिष्क मृत की नई परिभाषा ने जन्म लिया। सन् 1968 में हॉवर्ड के डॉक्टरो के शोध के बाद पूरे विश्व में ब्रेन डैथ की इस परिभाषा को कानूनी तौर पर स्वीकार कर लिया गया। भारत में, मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 (Transplantation of Human Organ Act 1994) के अनुसार मस्तिष्क मृत्यु कानूनी तौर पर एक स्वीकृत मौत हैं।
मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम 1994, को सन् 2014 में ‘मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम’ के नाम से संशोधित किया गया। इस पूरे अधिनियम की हिंदी और अंग्रेजी में जानकारी के लिये निम्न लिंक को क्लिक करें-
https://notto.gov.in/WriteReadData/Portal/images/THOA-Rules-2014.pdf
मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम 1994, की हिंदी में जानकारी के लिये निम्न लिंक को क्लिक करें-