मास्टर भास्कर वी, लिवर ट्रांसप्लांट, 19 अप्रैल, 2023
19 अप्रैल, 2023 को, मोहन फाउंडेशन की अनुदान- ‘प्रत्यारोपण को किफायती बनाना’ टीम को एस्टर सीएमआई अस्पताल, बेंगलुरु से एक ईमेल प्राप्त हुआ, जिसमें मास्टर भास्कर वी के लिवर प्रत्यारोपण के लिए वित्तीय सहायता का अनुरोध किया गया था। बच्चा हेपेटोपल्मोनरी सिंड्रोम के साथ लिवर सिरोसिस से पीड़ित था। यह एक गंभीर स्थिति है और यकृत रोग वाले किसी भी रोगी में तीव्र गति से विकसित हो सकती है। भास्कर को तत्काल प्रत्यारोपण की आवश्यकता थी। उनके लिवर सिरोसिस की विशेषता पीलिया और खून की उल्टी थी।
मास्टर भास्कर.वी, उम्र 13 वर्ष, कर्नाटक के रायचूर जिले के रहने वाले हैं। वह एक गरीब परिवार से आते हैं। उनके पिता बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (BMTC) के बस ड्राइवर हैं और माँ एक गृहिणी हैं। पिता की अल्प मासिक आय उनके बेटे की दवाइयों और इलाज के लिए पर्याप्त नहीं थी। परिवार की आय पर भारी असर पड़ा, क्योंकि वे पहले ही भास्कर की स्वास्थ्य समस्याओं के निदान और उपचार में बहुत पैसा खर्च कर चुके थे। उनके लिए ट्रांसप्लांट के लिए 15 लाख रुपये की भारी कीमत चुकाना बहुत कठिन था।
जब बच्चे को पहली बार बेंगलुरु के एस्टर सीएमआई अस्पताल में भर्ती कराया गया था, तब उसे भूख न लगना, पीलिया और वजन कम होना जैसी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पहले से ही थीं। माता-पिता अपने बच्चे के स्वास्थ्य संबंधी जांच और परीक्षण के लिए नियमित रूप से अस्पताल आते थे और परिवार ने पहले ही अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से बड़ी रकम उधार ले रखी थी। लेकिन परिवार भास्कर की जान बचाने के लिए कुछ भी करने को तैयार था। ‘क्या माता-पिता अपने बच्चे को मरने दे सकते हैं, क्योंकि उनके पास पर्याप्त पैसा नहीं है?’ निराश माता-पिता ने कहा।
एस्टर सीएमआई अस्पताल में, डॉक्टरों ने भास्कर की जांच की और उन्हें कई परीक्षणों से गुजरना पड़ा। यह पाया गया कि भास्कर लिवर सिरोसिस से पीड़ित था और उसे तत्काल प्रत्यारोपण की आवश्यकता थी। इस खबर से माता-पिता सदमे में आ गए।
कई परीक्षणों से गुजरने के बाद भास्कर की मां को पता चला कि वह अपने बेटे के लिए उपयुक्त लिवर डोनर हैं। प्रत्यारोपण की अनुमानित लागत 15 लाख. रु. थी, माता-पिता इस बात से हैरान थे कि वे इतनी बड़ी रकम का इंतजाम कैसे करेंगे। माता-पिता द्वारा उनकी खराब आर्थिक पृष्ठभूमि के बारे में चर्चा करने के बाद, एस्टर सीएमआई के डॉक्टरों ने उन्हें मोहन फाउंडेशन के अनुदान के बारे में बताया और उन्हें सभी आवश्यक जानकारी और विवरण दिए। इस जानकारी से उन्हें बड़ी राहत, आत्मविश्वास और आशा मिली।
अनुदान, प्रत्यारोपण लागत पर अस्पताल की रियायत और अन्य गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से, भास्कर का 06.05.2023 को लिवर प्रत्यारोपण हुआ। अनुदान ने 1.5 लाख रु. दिये। ट्रांसप्लांट के बाद भास्कर का स्वास्थ अच्छा हो रहा है और स्कूल शुरू करने को लेकर वह उत्साहित है। बच्चा बहुत सक्रिय, हंसमुख है और आउटडोर गेम (बाहरी खेल), विशेषकर क्रिकेट खेलना पसंद करता है। वह भविष्य में एक मशहूर क्रिकेटर बनना चाहता है।
“हमारे बेटे की जान बचाने के लिए अनुदान टीम के प्रति हमारी हार्दिक कृतज्ञता। हमारे जीवन को बदलने के लिए धन्यवाद।”- श्री वेंकटेश और श्रीमती लक्ष्मी, भास्कर वी के माता-पिता।